कॉंग्रेस जिसे युवराज घोषित कर चुकी है वही राहुल गाँधी आज अपने ऊटपटांग बयानों में फंसे हुए है! राहुल पहले आर एस एस जैसे सामाजिक संघटन की बेतुकी तुलना कर के अपने दिवालियापन का परिचय दे चुके है, और अब उनका जो बयान सामने आया है वो उनके मानसिक संतुलन पर सवाल खड़ा करता है! आतंकवाद देश की गंभीर समस्या है और ऐसे हालात में राहुल गाँधी का मुस्लिम तुष्टिकरण से ओतप्रोत बयान निंदनीय है ! भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी कॉंग्रेस मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए अब घटिया बयानबाजी के साथ साथ देश के आंतरिक मुद्दे को दूसरे देश के सामने तथ्य को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रही है! 2 G स्पेक्ट्रम घोटाला जिसमे देश का लाखो करोड़ रुपया कुछ भ्रष्ट नेताओ के जेब में चला गया ! खेल के नाम पर घोटाला हुआ! यहाँ तक कि शहीदों के परिवारों के लिए बने आशियाने को भी इस पार्टी के नेता हड़प गये! और देश में महंगाई के लिए जिम्मेवार है भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार के लिए कॉंग्रेस जिम्मेवार है! राहुल गाँधी भ्रष्टाचार की बात करे और जवाब दे कि क्या कार्यवाही की जा रही है? क्यों सरकार संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने को राजी नही है? आतंकवाद को धार्मिक रंग में रंगने वाली कांग्रेस पार्टी बाज़ आये और आतंकवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाये!
राहुल गाँधी के बारे ने जो खुलासा हुआ है वो वोट की राजनीति करने वाली कॉंग्रेस की रणनीति को सामने लाता है! कि केसे वोट के लिए आतंकवाद को कॉंग्रेस धार्मिक रंग में रंग रही है! कॉंग्रेस सरकार आतंकवाद के मुद्दे पर नरम रही है जिसका उदाहरण अफज़ल गुरु को फांसी न देना है! और जिस मानसिकता का खुलासा हुआ है वो आतंकवाद का बौधिक पोषण करने वाली है ! इस तरह की मानसिकता की हम निंदा करते है और चेतावनी देते है कि राष्ट्र को तोड़ने वाले विचारों को त्याग दे और देश की भलाई में काम करे !
यारो किसी माहौल में ढलता नहीं हूँ मैं ! ठोकर लगे तो राह बदलता नहीं हूँ मैं !! रख दूँ जहाँ कदम नए रास्ते बनें ! खीचीं हुई लकीरों पर चलता नहीं हूँ मैं !!
Sunday, December 19, 2010
Thursday, December 2, 2010
ये क्या हो रहा है
आज के परिदृश्य में देखे तो कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर है !कारण है भ्रष्टाचार ! कोमंवेल्थ खेल हो चाहे उस से पहले आई पी एल घोटाला या फिर हाल का आदर्श आवास घोटाला और २ जी घोटाला सभी को ले कर कांग्रेस घिर गयी है! संसद को शुरू हुए १४ दिन हो गये है लेकिन एक भी दिन कार्यवाही नही हुई जो की एक शर्म की बात भी है! सत्ता पक्ष सारा दोष विपक्ष पर डाल कर इतिश्री कर रहा है! सभी घोटालो को लेकर देश सकते में है! क्यों की लगभग लाखो करोड़ रूपये का गोलमाल है इतना रुपया जो की देश की गरीबी हटाने में अहम् रोल अदा कर सकता था सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार के प्रति नरम रुख के कारण कुछ नेताओं की जेब में चला गया और सरकार आज भी बचाव की मुद्रा में है! विपक्ष इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग कर रहा है जबकि सरकार इस बात को मान नही रही है यही गतिरोध का कारण बना हुआ है! आज कांग्रेस पार्टी और सरकार भ्रष्ट नेताओ से इस्तीफ़ा दिला कर कह रही है की हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाए है! लेकिन लाखो करोड़ का घोटाला करने के बाद कोई आदमी मंत्री रहे न रहे उसे फर्क नही पड़ता बल्कि और ज्यादा शक्तिशाली हो जाता है! पहले घोटाला करना और फिर इस्तीफ़ा देना क्या ये हे काफी है! क्या कोई सजा नही है यदि है तो फिर कहा है! कलमाड़ी और राजा का मामला देखे तो दोनों अपने को पाक साफ़ बता रहे है जबकि राजा के खिलाफ तो कई सबूत है लेकिन फिर भी वो एक शहीद की तरह मंत्रिमंडल से गये कहा तो उसे बर्खास्त करना चाहिए था और कहा सरकार लाचार बन कर उसके इस्तीफे का इंतज़ार करती नज़र आई! आखिर क्या मजबूरी थी सरकार की ? राडिया के टेप ने तो और भी कमाल किया है! कई नेता पत्रकार का रिश्ता ज़ाहिर हुआ है! लेकिन क्या कार्यवाही होगी? इस बात का देश इंतज़ार कर रहा है! अपनी शासन प्रणाली में सजा का न दिया जाना आम जनता का प्रणाली से विशवास उठाने को काफी है! आज ये प्रश्न किये जाते है की नाक्सालवाद क्यों है? जो कुछ आज हो रहा है क्या ये कारण काफी नही है एक गरीब का एक आम आदमी का क़ानून से विशवास डिगाने को? जो पैसा उसकी खून पसीने की कमाई का हो जिस पर पहला हक देश की आम जनता का हो, उस पैसे का घोटाला हो के किसी एक व्यक्ति या कुछ लोगो की जेब में जाना कहा तक उचित है! आज भारत एक गरीब देश है! कोई भी रिपोर्ट कुछ भी कहे लेकिन सच्चाई ये है की गरीब भारत में कुछ अमीर राज कर रहे है और गरीब उनको चुन के उन्हें और अमीर बना रहे है और गरीब अमीर की खाई बढती जा रही है! राहुल गाँधी ने दो भारत बनने की बात कही थी लेकिन उनको ये याद रखना चाहिए की इस दो भारत को बनाने में उनकी ही पार्टी का हाथ है! आज कांग्रेस विपक्ष पर आरोप लगाती है लेकिन अगर पाक साफ़ है तो विपक्ष की मांग पूरी करने में कोई आपत्ति नही होनी चाहिए! ऐसा कर के अपनी विश्वसनीयता को बनाए रखने में पार्टी सफल हो सकती है नही तो घोटालो की फेहरिस्त जिस तरह से लम्बी होती जा रही है उसे देख कर लगता है की गरीबी हटाओ की केवल बात करने वाली कांग्रेस अब भ्रष्टाचार बढाओ और भ्रष्टाचारी को बचाओ नीति पर काम कर रही है! सरकार को जांच करनी चाहिए विपक्ष की मांग को मान कर अपने ऊपर लगे आरोप को हटाना चाहिए! आज कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा की विपक्ष नक्सली के एजेंट है ऐसा कह कर वो क्या जाताना चाहते है कोई नही जनता है! अपनी बौखलाहट को दर्शाने का इस से भद्दा तरीका नही हो सकता ! जो सरकार की चुप्पी है ये हे भ्रष्टाचार की कारक है! इसी कारण ये नाक्सालवाद और गरीबी है! एकमात्र उम्मीद अब अदालत से हे है की कुछ कठोर कदम उठाए जा सकते है! इसी का इंतज़ार हो रहा है और देश का पैसा देश को मिलेगा और दोषी को सजा मिलेगी ऐसी उम्मीद है
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