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Monday, October 4, 2010

आँखों में स्वप्न


जा तेरे स्वप्न बड़े हुए जा रहे है .....
आँखों में पानी है सपने है जवानी है
तेरे है सपने तू हे अपरिचित है
ज़िन्दगी कि देखो केसी ये कहानी है ..
चेहरे का तेज देखो क्या ये कहता है ..
मेरी इन आँखों में एक सपना भी रहता है ..
सपने में रंग केसे में भरूँगा ...
काम है कठिन पूरा केसे में करूँगा ...
देखती है दुनिया तमाशबीन बनके ..
रंग कोई थामे नही यही सची कहानी है ...
चलता हू लाद्खादा के में इधर उधर देखता हू ...
कही तो मंजिल होगी ..लेकिन राह देखता हू ..
कोई तो आये जो रंग ले के कह दे ...
थाम ले इनको रंग अपनी मंजिल को
सपने न रह जाए आँखों में मेरी
आंसुओ की धाराओ में बहने भी लगे है ...
मिली है ठोकरे सभी से मुझको
कुछ रंग रहे है सपने कुछ तंज सहने भी लगे है
एक विचार की जरुरत है रंगने लगे है सपने
आँखों में तेरी पलने लगे है सपने ..

3 comments:

  1. Sanna Vml
    Wonderful lines..Beautiful landscapes...
    The difference between success and failure is found in ones attitudes towards setbacks,handicaps,discouragements,and other disappointing situations.....
    Setbacks are to pave your way to success....

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