राहुल गाँधी ने संघ के बारे में जो बयान दिया है और जो बतुकी तुलना की है वो शर्मनाक है! इस से भी गंभीर बात ये है की देश के युवाओं को रिझाने की कोशिश करने वाले राहुल गाँधी असलियत से वाकिफ नही है! मातृभूमि पर जब जब भी संकट आये तब तब संघ के स्वयंसेवक आगे आये! देश के आज़ाद होते ही जो लड़ाई हुई थी कश्मीर में जो हवाई पट्टी थी वहा बर्फ जमी थी! उसको हटाने कोन आया था! राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आया था! ६२ को जब चीन से लड़ाई हुई तो सेना की मदद के लिए संघ आगे आया! संघ देश को जोड़ने वाली विचारधरा है! संस्कृति और राष्ट्रवाद की संरक्षक है! और राहुल गाँधी बेतुकी बात कर रहे है! राहुल गाँधी एक पार्टी के नेता है! और ऑटोमेटिक नेता है! तो विषय की समझ न होना लाज़मी है! राहुल गांधी इस तरह से राष्ट्रवाद का मज़ाक न उडाये! राष्ट्रवाद और आतंकवाद में फर्क करना सीखे यही उनके लिए हितकारी होगा! ये संघ है जो राष्ट्रवाद की बात करता है! अब ज़रा राहुल ये बताये की चरार-इ-शरीफ में बिरयानी खाने और खिलाने वाले कोन थे? वहा क्या गुल खिलाये जा रहे थे? राहुल क्या कहेंगे?कोन क्या कहेगा? है कोई जवाब? आतंकियों के साथ बिरयानी खाने वाली पार्टी के नेता आज बेतुकी बात कर रहे है!
संघ देश को जोड़ता आया है आगे भी जोड़ेगा! संघ राष्ट्रवाद की बात करता है, भारत की बात करता है परम वैभव की बात करता है! कभी आतंकियों के साथ बिरयानी नही खाता!
भगवा हे लहराया था भगवा ही लहराएगा
जब संघ दंड लहराएगा तो होश ठिकाने आएगा
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