आज हम २१वी सदी में रह रहे है! हमरी बोलचाल हमारा रहनसहन में भी भरी बदलाव आया है! लेकिन विडंबना है कि देश में अभी भी गरीबी है! और चिंता और शर्मनाक बात ये है कि हमारे हुक्मुरान गरीबी हटाने कि बात तो करते है आंकड़े भी दिखाते है लेकिन असलियत में इस गरीब देश में अमीरी का दिखावा करते है! में ऐसा कह रहा हू तो कुछ लोग यह भी कहेंगे कि देश का अपमान हो रहा है! कल मेने ये विचार कही रखे तो कोई सज्जन ऐसा भी बोला! लेकिन में कहता हू कि देश का अपमान कहा हो रहा है! कॉमन वेल्थ गेम को देखिये! कही गरीबी नज़र नही आती! कोन कहेगा कि ये वो हिंदुस्तान है जहा कि १/३ आबादी गरीब बेहद गरीब है ! कि जहा कई इलाके ऐसे भी है कि रोटी नसीब नही होती है! देश के ठेकेदारों ने अपनी पीठ ठोंकने और जेब भरने का मौका समझते हुए इस गेम को राष्ट्रीय गौरव घोषित कर दिया! लेकिन कॉमन वेल्थ का इतिहास क्या है और इससे क्यों आयोजित करवाना चाहिए ये समझ से परे है! कॉमन वेल्थ गेम अंग्रेजो के गुलाम देशो के बीच होती थी! और आज हम गुलामी के प्रतीक इस खेल आयोजन के लिए देश का पैसा बर्बाद कर रहे है! २००० कि कुर्सी को ६००० का किराया दे रहे है! १५००० की चीज़ को ५०००० दे रहे है! कहा गया कि सरकारी फंड जो अनुसूचित जाती से सम्बंधित था उसका उपयोग किया गया जो कि शर्मनाक है! देश में भुखमरी है गरीबी है, महंगाई से देश कि हालत पतली है!और ये लोग झूटी शान दिखा रहे है! दिखावा कर रहे है अमीर होने का और गरीबी को दबा छुपा रहे है! आज जन मानस के मन को भ्रमित किया जा रहा है कि राष्ट्र गौरव है आयोजन को सफल बनाओ देश को लाभ होगा आर्थिक लाभ कि बात भी कही जा रही है! लेकिन असलियत तो ये है कि जो गोटाला सामने आ रहा है उसको देख के लाभ कि उम्मीद नही है! करोडो बहा दिए गये है और गरीब को निचोड़ कर वो भी! बड़ी अदालत ने कहा कि अनाज जो साद रहा है इस से बेहतर कि गरीबो में बाँट दो तो गरीब के चहरे पे चमक आई कि अब न्याय होगा अनाज मिलेगा चाहे कंकड़ पत्थर मिला के देंगे देंगे तो सही लेकिन इस संवेदनहीन कांग्रेस नीत सरकार ने गरीब का मजाक उड़ाया और भूख को कोर्ट का आदेश नही सुझाव या सुझाव नही आदेश ऐसे सवाल जवाब में फंसा दिया जो कि बहुत शर्मनाक है! अब कोर्ट कि समझाना पड़ रहा है कि सुझाव नही आदेश था और इस क बाद सरकार ने अनाज देने का फेसला किया है!लेकिन आंकड़े गवाह है कि इस सरकार ने कई राज्यों के कोटे में कमी की है! जो को राजनीतिक द्वेष कि भावना को दर्शाता है!
कॉमन वेल्थ का खिलाडी सुरेश कलमाड़ी है! जो की सारे खेल में में ऑफ़ मेच है! क्या कर रही है सरकार? क्या वो सिर्फ अपना हिस्सा लेकर चुप हो जाएगी! इतना शोर मच रहा है फिर भी काम सही नही हुआ है हर चीज़ में घोटाला हो रहा है! एक तो ये लोग झूटी शान को देश का गौरव बता रहे है दूसरा इस झूटी शान में भी घोटाला राम राम राम !!!!!!!
प्रधानमन्त्री शांत है सोनिया जी को तो जब कोई बोलेगा कि ऐसा बोलो तब बोलेंगी! राहुल गाँधी जो कभी अपने मित्रो के साथ पितरो के नाम पर कभी आदिवासियों का सिपाही तो कभी गरीब का हितेषी बता रहे है लेकिन इस मुद्दे पर चुप है! राजनीती हो रही है! आज सुना कि अनाज दे रही है सरकार अची बात है सही तरह से मिले कोई घोटाला न हो! लेकिन इतना तरसा तरसा के रहत देना सही नही है! गरीब का मसीहा होना का ड्रामा रचने वाले ये लोग बाज़ आयें !
असल बात ये है कि साड़ी गेम में आम जनता पिस रही है! कॉमन वेल्थ नाम भी सही है कॉमन जनता कि वेल्थ का गेम जो बज रहा है!
bahut hi acchi or sachhi bat kahihe aapne
ReplyDelete