देश में पार्ट टाइम सरकार नही चलेगी
भारत एक कृषि प्रधान देश है ऐसा कहा जाता है!और सच्चाई भी यही है! लेकिन आज कृषि प्रधान देश में महंगाई आसमान पर है! भारत बंद जेसे आन्दोलनकारी कदम कि जरुरत पड़ रही है!आखिर ऐसा क्या हो रहा है कि दिन प्रतिदिन हमारा देश समस्याओ से घिरता जा रहा है! कृषि प्रधान देश में अन्नदाता आत्महत्या जेसे कदम उठा रहे है! थोडा जोर दे कर सोचे तो माज़रा समझ आता है! गरीबी हटाओ के नारे के तले आम जनता का शोषण करने वाली कांग्रेस जो कि दुर्भाग्य से देश कि शासक है, कि नीतियों को देखे तो आम जनता के लिए कोई स्थान या योजना नही है जगह है तो सिर्फ राजनीति में, थोथे भाषणों में! आज देश के सामने आतंकवाद गंभीर समस्या है, तो क्या हुआ यदि सीमाए शांत है , कई रूपों में आतंकवाद का जिन्न देश को परेशान किये हुए है! बेरोज़गारी कि समस्या भी विकराल रूप धारण कर रही है ! सरकार जवाब दे कि भारत विश्व शक्ति बन रहा है...ऐसे झूठे वाक्यों को कहने से पहले ..बेरोजगारों कि संख्या पर नज़र क्यों नही डाली जाती!क्या ऐसे बनेगा देश विश्व शक्ति! क्या सरकार अपनी घुटना टेक नीति को नही देखती! क्या ये नीतिया बनाएगी विशव शक्ति देश को! मनमोहन सिंह जी जवाब दे कि सरकार देश के युवाओ के लिए क्या कर रही है? यदि इनके भाषण सुने तो इतना समझ आता है कि रोज़गार के द्वार खुल रहे है! जबकि यही लोग इन दरवाजों पे टला जड़ देते है! अपना देश में भावनाओ कि कद्र कि जाती है! लेकिन भावनाओ को आहत करने का जो घिनोना काम जो वर्तमान सरकार ने किया, वो निंदनीय है! में मनमोहन सिंह जी से पूछना चाहता हू कि इस युवा देश में युवाओ के लिए क्या नीति है! देश को आरक्षण के नाम पर बांटने वाली सरकार से पूछना चाहता हू कि देश को बाँटने कि नीति जो इनको पारिवारिक विरासत में मिली है कब तक चालू रहेगी! मेरी मातृभूमि पर आरक्षण का राजनीतिक खेल खेला जा रहा है, युवा भाइयो को बरगलाया जा रहा है! एक ओर कहा जा रहा है कि नक्सलवाद से निपटने के कदम उठाए जाएँगे! अरे नक्सलवाद को अपनी नीतियों से परोक्ष रूप से बढावा देने वाली सरकार से हम नक्सलवाद कि समस्या सुलझेगी ऐसी उम्मीद कर रहे है? कही धर्म के आधार पर आरक्षण कही जाती के,,आज कोई राजनीतिक दल ऐसा नही है जो आर्थिक आधार पर आरक्षण कि बात करता हो! कांग्रेस तो सांस भी वोट बैंक को देख कर लेती है! आज सारा भारत बंद रहा महंगाई के विरोध में! शर्म कि बात है वर्तमान सरकार कोई भी कदम नही उठा पा रही है! सरकार में एक कृषि मंत्री भी है! लेकिन वे क्यों है ये समझ से परे! वे कृषि से ज्यादा क्रिकेट में व्यस्त है! कह सकते है कि मनमोहन सिंह ने एक पार्ट टाइम कृषि मंत्री भरती किया! जिसे क्रिकेट में दिलचस्पी है! सरकार कितनी गंभीर है महंगाई के मुद्दे पर इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कृषि प्रधान देश कि समस्या हल एक क्रिकेट प्रधान देश कि तरह किया जा रहा है! और देश का कृषि मंत्री भी पार्ट टाइम भर्ती किया है! ऐसे में देश केसे चलेगा?
सोचना होगा देश के युवाओ को कि विकास कि राजनीति कि जाये! किसी के झांसे में न आकर आपने देश के बारे में सोचा जाए! युवा देश कि नीतिया केसी हो इस सरकार को सिखने कि जरुरत है! पारिवारिक फूट डालने वाली राजनीति अब नही चलेगा! ऐसा बताने का समय सर पर है! महंगाई कि समस्या गंभीर है! और हम भी कुछ हद तक जिम्मेवार है! आओ प्रण करे कि अपनी ग़लतिया सुधारेंगे और सरकार को राजनीती सिखाएंगे कि कृषि प्रधान देश में महंगाई कांग्रेस नीत उप सरकार कि वजह से है! कृषि प्रधान देश को यदि नीतिगत तरीके से चलाया जाए तो बेहतर परिणाम होंगे! कांग्रेस नीत ऐसी पार्ट टाइम सरकार नही चलेगी जिसका फुल टाइम समय देश को लूटने में चला जाता हो.!
हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए,
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।
आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।
हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में,
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए।
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।
bahut sahi kaha ...
ReplyDeletebahut acche saurabh .....tumhari kalam me takat hai....
ReplyDelete