कहा जाता है कि भारत प्रगति के पथ पर आगे बढ रहा है! कुछ कहते है कि दोड़ रहा है! लेकिन किधर दोड़ रहा है ? ये पथ का अंत कहा होगा? क्या भविष्य है ? सभी को मालूम होते हुए भी किसी को नही मालूम!
आज bbc uk की वेबसाइट देखि तो पता चला कि कश्मीर अलग देश है! नया सामान्य ज्ञान तेयार हो रहा है और अपनी सरकार सो रही है! सरकार सो रही है ये भी लाज़मी है जब काम का इतना बोझ हो तो क्या करे?एक सोनिया जी थी हर बेठो! अब तो राहुल बाबा भी है! काम दुगना हो गया! केसे समय मिलेगा देश के लिए! हो सकता है कि साइज़ छोटा करने कि मुहीम में जुटे हो!यदि नही तो जागते क्यों नही है! क्यों कहा दुबक के बेठे है? कश्मीर को अलग दिखने को एक गलती मान सकते है वो लोग जिसके पास दिमाग नही है! कश्मीर एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है इस दृष्टि से कि यहाँ पर बहुतो कि बुरी नज़र है! सरकार के पास समय नही है! कहा से होगा व्यस्त बहुत है! गृहमंत्री आजकल पेंट कर रहे है आतंकवाद को वोट का महल बना रहे है! अपने देश के वीर जवान शहीद हो रहे है और ये सर्वदलीय बैठक से आगे नही बढ पा रहे है! बात करे शरद पवार की तो लगता है कि गरीबी बढाओ पर विशवास रखते है! वेसे उन्हें दोष देना सही भी ही क्यों कि वो पार्ट टाइम मिनिस्टर है फुल टाइम सेवाए तो क्रिकेट पे जा रही है! कहते है की क्रिकेट में भ्रष्टाचार बर्दाश्त करेंगे! वहा नही होना चाहिए भ्रष्टाचार यहाँ देश की जनता को अनाज मिले न मिले! क्या कारण है की हर बार कहा जाता है कि इस बार पैदावार बम्पर है तो रेट क्यों बम्पर हो जाते है? वो भी किसान को तो दाम मिलता नही! बिचौलिए प्राइवेट लिमिटेड क्यों बंद नही हो रही है पवार जी? पहले कहा कि १० दिन में महंगाई कम ५ दिन में कम ७ दिन में कम ऐसा करते करते कई साल निकल गये! और जनता कि जेब से खून पसीने की कमाई कहा कहा न जाने किस किस की जेब में पहुँच गयी! जनता को मिला तो सिर्फ दिलासा और मजाक! कभी कहा की चीनी का सेवन कम करो, कभी कहा कि मंत्री जी कोई भविष्यवक्ता नही! इनकी कहानी ऐसे हे है..नही ठीक होगी न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी...न मनमोहन जी हटा सकते है न शरद जी जनता का सोच सकते है!
फिरर बात करे अपने कृष्ण जी कि तो क्या काम है उनका शायद उनको समझ नही आया! ज्यादा कुछ किया नही लेकिन जो ये कश्मीर को अलग दिखाने वाला मुद्दा है उस पे सोचे कड़ी कार्यवाही करे! वेसे पिछले कार्यकाल में शिवराज पाटिल जी टीप टॉप मिनिस्टर थे इस बार इनका नाम बड़े अदब से लिया जा सकता है!
अब बात करे सिब्बल जी की तो उन्होंने तो एक ही दिन में क्या क्या करने की ठानी और भारत के मेकाले बन के रह गये! बिना परीक्षा अगली कक्षा में! ग्रेड सिस्टम पता नही क्या क्या? शिक्षा में क्या आवश्यकता थी उसका पता इनको भी नही है शायद!
नौ मन्न तेल की बात हुई तो तेल मंत्री को देखा जाए क्या हो रहा है तो एक बात समझ नही आ रही की जब एनी देशो में तेल के दाम इतने कम है तो अपने देश में क्यों नही? किसी के पास जवाब हो तो जनता बेसब्री से इंतज़ार कर रही है! ममता जी की बात करे तो कोलकाता मंत्री है लाखो खर्च हो जाते है सिर्फ फाइल को कोल्कता ले जाने में! मिशन कोलकाता पर है आजकल! बाकी जो बच गये है उनके पास बहुत काम है मेने पहले बता दिया है! तो मिशन भारत पर कोन चलेगा? कोन आवाज़ उठेगा इन विदेशियों के सामने ? कि कश्मीर अपने अंग है कोई देश नही! वेसे देश बनने का इंतजाम तो हो रहा था लेकिन श्यामा प्रसाद जी का चिंता बलिदान और सबसे बड़ा इस देश कि जनता का देश प्रेम जो देश द्रोहियों का अभियान फेल हो गया! अब दोबारा शुरू हो रहा है तो जवाब देना जरुरी है.! सरकार के पास टाइम नही है! लेकिन देश कि जनता को जागना होगा ! जब पहरी सो रहे है तो अपनी सुरक्षा खुद करनी होगी!
हो कश्मीर या गोहाटी
अपना देश अपनी माटी
वन्दे मातरम
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